संज्ञी
जो जीव मन के अवलम्बन से शिक्षा उपदेश और आलाप को ग्रहण करता है उसे संज्ञी कहते हैं । अथवा मन वाले जीव संज्ञी होते हैं। जो जीव किसी कार्य को करने से पहले कर्तव्य और अकर्तव्य की मीमांसा करे, तत्त्व और अतत्त्व का विचार करे शिक्षा ग्रहण करे और उसके नाम को पुकारने पर आवे वह संज्ञी है। संज्ञी, सैनी और समनस्क ये एकार्थवाची शब्द हैं।