श्रुतवाद
श्रुत दो प्रकार का है- अंग प्रविष्ट और अंगबाह्य। इसका कथन जिस वचन कलाप के द्वारा किया जाता है वह द्रव्यश्रुत, श्रुतवाद कहलाता है।
श्रुत दो प्रकार का है- अंग प्रविष्ट और अंगबाह्य। इसका कथन जिस वचन कलाप के द्वारा किया जाता है वह द्रव्यश्रुत, श्रुतवाद कहलाता है।
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