श्रुतमूढ़
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ऋग्वेद, सामवेद, प्रायश्चित्तादि, वाक् मनुस्मृति आदि अनुवाक् आदि शब्द से ऋजुर्वेद, अथर्ववेद – ये सब हिंसा के उपदेशक हैं। इसलिए धर्मरहित निरर्थक हैं, ऐसा न समझकर जो ग्रहण करता है, वह श्रुत मूढ़ है।
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