शुभ नामकर्म
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जिस कर्म के उदय से शरीर के अंग उपांगों मे रमणीयता होती है अथवा जिस कर्म के उदय से चक्रवर्तित्व, बलदेवत्व और वासुदेवत्व आदि के सूचक शंख, अंकुश, कमल आदि शुभ चिन्ह अंग-उपांगों में उत्पन्न होते है वह शुभ नामकर्म है।
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