शुद्ध पर्यायर्थिक नय
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शुद्ध पर्याय अर्थात् समय मात्र स्थायी, षड्गुण हानि वृद्धि द्वारा उत्पन्न सूक्ष्म अर्थपर्याय ही है प्रयोजन जिसका वह शुद्ध पर्यायर्थिक नय है। शुद्ध पर्याय के अर्थरूप से आचरण करने वाला शुद्ध द्रव्यार्थिक नय है।
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