शर्कराप्रभा
जिसकी प्रभा शर्करा के समान है, इस प्रकार नाम के अनुसार व्युत्पत्ति कर लेनी चाहिये । रत्नप्रभा के नीचे क्रम से शर्कराप्रभा आदि छः पृथ्वियाँ हैं। सातों पृथ्वियों में उर्ध्वदिशा को छोड़ शेष नौ दिशाओं में घनोदधि वातवलय से लगी हुई है, परन्तु आठवीं पृथ्वी, दशों दिशाओं से ही घनोदधि वातवलय को छूती है। उपर्युक्त पृथ्वियाँ पूर्व और पश्चिम दिशा के अन्तराल में वेत्रासन के सदृश्य आकारवाली हैं।