शरण
शरण दो प्रकार की है लौकिक और लोकोत्तर। दोनों प्रकार की शरण भी जीव अजीव व मिश्र के भेद से तीन-तीन प्रकार की है। राजा, देवता आदि लौकिक जीव रूप शरण है प्राकार आदि अजीव रूप शरण है और ग्राम, नगरादि मिश्र रूप शरण है, पाँचों परमेष्ठी लोकोत्तर जीव रूप शरण हैं, अरहन्त आदि के प्रतिबिंब लोकोत्तर अजीव रूप शरण है, धर्मसहित साधुओं का समुदाय तथा उनके उपकरण आदि लोकोत्तर मिश्र रूप शरण हैं ।