व्याख्या प्रज्ञप्ति
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1. जीव है कि नही ? वह कहाँ उत्पन्न होता है ? कहाँ से आता है ? इत्यादि साठ हजार प्रश्नों के उत्तर जिसमें हैं वह व्याख्या – प्रज्ञप्ति अंग है। 2. जिसमें पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल-द्रव्य तथा भव्य-अभव्य जीवराशि का वर्णन है वह व्याख्या – प्रज्ञप्ति नाम का परिकर्म है।
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