व्यधिकरण
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किसी एक धर्मी में एक धर्म रहता है और अन्य कोई धर्म नहीं रहता, तब वह अभावभूत धर्म उस पहले धर्म का व्यधिकरण कहलाता है। जैसे- पटत्व धर्म घटत्व का व्यधिकरण है।
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