व्यतिरेकी हेतु
जो पक्ष में रहता है, विपक्ष में नहीं रहता और सपक्ष से रहते हैं, वह केवल व्यतिरेकी है। जैसे- जिन्दा शरीर जीव सहित होना चाहिए क्योंकि प्राणादि वाला है। जो-जो जीव सहित नहीं होता है, वह वह प्राणादि वाला नही होता है, जैसेलोष्ठ । यहाँ जिन्दा शरीर पक्ष है, जीव सहितत्व साध्य है। प्राणादिक हेतु है और लोष्ठादिक व्यतिरेकी दृष्टान्त है।