राजपिण्ड
- Home
- राजपिण्ड
इक्ष्वाकु वंश, हरिवंश इत्यादि कुल में जो उत्पन्न हुआ है, जो प्रजा का पालन करना और उनकी दुष्टों से रक्षा करना इत्यादि उपायों से अनुरंजन करता है, उसको राजा कहते हैं। राजा के समान जो महर्द्धि के धारक अन्य धनाड्य व्यक्ति हैं, उनको भी राजा कहते हैं। ऐसों के यहाँ पिण्ड ग्रहण करना राजपिण्ड है।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now