भविष्यवाणी
मुकुटधरों में अन्तिम चन्द्रगुप्त ने जिनदीक्षा धारण की इसके पश्चात् मुकुटधारी दीक्षा को धारण नहीं करते। जो श्रुततीर्थ धर्म प्रवर्तन का कारण है, वह बीस हजार 317 वर्षों में कालदोष से विच्छेद को प्राप्त हो जायेगा। इतने समय में (बीस हजार तीन सौ सत्तर वर्ष) चातुर्वर्ण्य संघ जन्म लेता रहेगा किन्तु लोक में प्रायः अविनीत दुःबुद्धि, असूयक सात भय और आठ मदों से संयुक्त शल्य और गारवों से सहित कलह प्रिय रागिष्ठ क्रूर एवं क्रोधी होगा।