प्रदेश विरच
कर्म पुद्गल प्रदेश जिसमें विरचा जाता हैं, अर्थात् स्थापित किया जाता है, वह प्रदेश विरच कहलाता है। अभिप्राय यह है कि यहाँ पर प्रदेश विरच से कर्म स्थिति ली गई हैं। अथवा विरच पद की निरुक्ति यह है विरच्यते अर्थात् जो विरचा जाता है, उसे विरच कहते हैं। तथा प्रदेश जो विरच वह प्रदेश विरच कहलाता है। प्रदेश विरच्यमान कर्म प्रदेश यह उसका अभिप्राय है।