प्रत्येक शरीर वर्गणा
परमाणु वर्गणा से लेकर सांतर निरंतर उत्कृष्ट वर्गणा से इन वर्गणाओं के समुदय समागम से प्रत्येक शरीर वर्गणा (सत्रहवीं वर्गणा) नहीं उत्पन्न होती क्योंकि उत्कृष्ट सांतर निरंतर वर्गणाओं का अपने को छोड़कर एक अधिक आदि उपरिम वर्गणारूप से परिणमन करने की शक्ति का अभाव है। प्रत्येक शरीर वर्गणा के समागम के बिना केवल नीचे की ( एक से पंद्रह तक के) वर्गणाओं के समुदाय समागम से उत्पन्न होने वाली प्रत्येक शरीर वर्गणायें नहीं उत्पन्न होती । औदारिक तैजस और कार्मण वर्गणा स्कन्धों के अधःस्थिति गलना के द्वारा गलित होने पर प्रत्येक शरीर वर्गणा को उल्लंघन कर उनका नीचे सदृश धन रूप सांतर निरंतर आदि वर्गणा रूप से अवस्थान उपलब्ध होता है। ऊपर के द्रव्यों के भेद से प्रत्येक शरीर द्रव्य वर्गणा की उत्पत्ति नहीं होती क्योंकि ऊपर की वर्गणा के भेद का नाम भी विनाश है और बादर निगोद वर्गणा तथा सूक्ष्म निगोद वर्गणा में से एक वर्गणा नष्ट होती हुई प्रत्येक शरीर वर्गणा रूप से नहीं परिणमती क्योंकि ऐसा होने पर प्रत्येक शरीर वर्गणाएँ अनन्त हो जायेगी । प्रत्येक शरीर वर्गणा अपने से पहले या पीछे वाली वर्गणाओं से उत्पन्न नहीं होती है।