पूर्ववत् अनुमान
जिसने अग्नि से निकलते हुए धूम को पहले देखा है, वह व्यक्ति पीछे कभी धूम के दर्शन मात्र से ‘यहाँ अग्नि है’ इस प्रकार पहिले की भांति अग्नि को ग्रहण कर लेता है, यह सब पूर्ववत् अनुमान है। जहाँ कारण से कार्य का अनुमान होता है, उसे पूर्ववत् अनुमान कहते हैं। जैसे- बादलों के दिखने से आगामी वर्षा का अनुमान करना।