पूरणकाल
- Home
- पूरणकाल
अपूर्व कर्म के प्रथम समय तैं लगाय यावत सम्यक्त्व मोहिनी, मिश्रमोहनी का पूरन काल जो जिस काल विषै गुण संक्रमण करें, मिथ्यात्व कौं सम्यक्त्व मोहिनी, मिश्रमोहनी रूप परिणमावै है।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now