निर्माण नामकर्म
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जिस कर्म के उदय से शरीर के अंग और उपांगों की रचना होती है उसे निर्माण नामकर्म कहते हैं। चक्षु आदि अवयव के स्थान और प्रमाण आदि का निर्धारण भी निर्माण नामकर्म के उदय से होता है।
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