जंघाचारण ऋद्धि Posted by kundkund Date July 23, 2026 Comments 0 commentजिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु पृथिवी से चार अंगुल ऊपर आकाश में घुटनों को मोड़े बिना गमन करने में समर्थ होते हैं वह जंघाचारण-ऋद्धि कहलाती है।Share:ABOUT INSTRUCTOR kundkund Previous post ज्ञानावर्ण July 23, 2026You may also like ज़िनागम का सार भाग 1 30 November, 2024 antarang tap 19 April, 2024antarang tap अंतरंग तप 5 September, 2023