चूलिका
पर्वत के ऊपरी शिखरनुमा भाग को चोटी या चूलिका कहते हैं। यह दृष्टिवाद अंग का पाँचवा भेद है। जिसमें एक, दो या सब अनुयोग-द्वारों द्वारा कहे गये विषय की विशेष या संक्षिप्त जानकारी दी जाती है उसे चूलिका कहते हैं। चूलिका के पाँच भेद हैं— जलगता, आकाशगता, रूपगता, स्थलगता और मायागता । विशेष व्याख्यान, अथवा उक्त या अनुक्त व्याख्या अथवा उक्तानुक्त अर्थ का संक्षिप्त व्याख्यान(Summary) ऐसे तीन अर्थ चूलिका के हैं।