गुरु
1. लोक में उपकारी जनों अर्थात् माता पिता व अध्यापक को गुरु कहा जाता है । 2. धार्मिक क्षेत्र में सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र इन गुणों के द्वारा जो महान हैं उनको गुरु कहते हैं अर्थात् आचार्य, उपाध्याय और साधु- ये तीनों गुरु कहे जाते हैं। 3. अनन्त ज्ञानादि महान गुणों के द्वारा जो तीनों लोक में महान के हैं वे भगवान अर्हन्त त्रिलोक गुरू हैं।4. निर्विकल्प सामायिक चारित्र का प्रतिपादन करके जो शिष्य को जिन दीक्षा देते हैं वे आचार्य दीक्षा गुरू कहलाते हैं। 5. संयम में लगे दोषों की शुद्धि के लिए प्रायश्चित् देकर संवेग व वैराग्य जनक परमागम के वचनों द्वारा जो साधु का संवरण करते हैं वे निर्यापक हैं उन्हें ही शिक्षा गुरू या श्रुत गुरू भी कहते हैं ।