गारव
गर्व या बड़प्पन को गारव कहते हैं। गारव तीन प्रकार का है – शब्द गारव, ऋद्धि गारव एवं सात गारव या रस गारव । वर्ण या अक्षर के उच्चारण का गर्व करना शब्द गारव है। पुस्तक, कमण्डलु, शास्त्र या शिष्य आदि द्वारा अपने को ऊँचा प्रकट करना ऋद्धि गारव है। भोजन, पान आदि से उत्पन्न सुख में लीन होकर अहंकार करना सात गारव या रस गारव है।