गर्भान्वय क्रिया
तीर्थंकर की अपेक्षा गर्भ जन्म आदि सम्बन्धी क्रियाओं को गर्भान्वय क्रिया कहते हैं । ये क्रियाएँ त्रेपन हैं- गर्भाधान क्रिया, प्रीतिक्रिया, सुप्रीति क्रिया, धृति क्रिया, मोद क्रिया, प्रियोद्यवक्रिया, नामकर्म क्रिया, बहिर्यान क्रिया, निषद्या क्रिया, अन्नप्राशन क्रिया, व्युष्टि क्रिया, केशवाप क्रिया, लिपि संख्यात क्रिया, उपनीति क्रिया, व्रतचर्या क्रिया, व्रतावतरण क्रिया, विवाह क्रिया, वर्णलाभ क्रिया, कुलचर्या क्रिया, गृहीशिता क्रिया, प्रशान्ति क्रिया, गृहत्याग क्रिया, दीक्षाद्य क्रिया, जिनरूपता क्रिया, मौनाध्ययन वृत्ति क्रिया तीर्थं सद्भावना क्रिया, गुरुस्थानाभ्यु – पमन क्रिया, गणोपग्रहण क्रिया, स्वगुरु स्थानावाप्ति क्रिया, निःसंगत्वभावना क्रिया, योग- निर्वाण संप्राप्ति क्रिया, योगनिर्वाण साधन क्रिया, इन्द्रोपपाद क्रिया, इन्द्राभिषेक क्रिया, विधिदान क्रिया, सुखोदय क्रिया, इन्द्रत्याग क्रिया, हिरण्योत्कृष्ट जन्मता मन्दराभिषेक क्रिया, गुरूपूजन क्रिया, यौवराज्य क्रिया स्वराज्य क्रिया, चक्रलाभ क्रिया, दिशांजय क्रिया चक्राभिषेकक्रिया, साम्राज्य क्रिया, निष्क्रांति क्रिया, योगसम्मह क्रिया, आर्हन्त्य क्रिया, विहार क्रिया, योग त्याग क्रिया, अग्रनिर्वृत्ति क्रिया।