गंगा नदी
चौदह महानदियों में प्रथम नदी । यह हिमवान् पर्वत पर पद्म-सरोवर के पूर्व द्वार से निकली है। इसके उद्गम स्थान का विस्तार छः योजन और एक कोस तथा गहराई आधा कोस है। यह अपने उद्गम से पाँच सौ योजन पूर्व दिशा की ओर बहकर गंगाकूट से लौटती हुई दक्षिण की ओर भरत क्षेत्र में आयी है। अंत में यह चौदह हजार सहायक नदियों के साथ पूर्व- लवण- समुद्र में प्रवेश करती है। इसे जाह्नवी, व्योमापगा, आकाशगंगा, त्रिमार्गा और मंदाकिनी भी कहते हैं ।