क्षायिक उपभोग
समस्त उपभोगान्तराय कर्म के नष्ट हो जाने से अनन्त या क्षायिक उपभोग होता है। इसके फलस्वरूप अर्हन्त अवस्था में सिंहासन, छत्र, चमर आदि रूप विभूतियाँ प्राप्त होती हैं।
समस्त उपभोगान्तराय कर्म के नष्ट हो जाने से अनन्त या क्षायिक उपभोग होता है। इसके फलस्वरूप अर्हन्त अवस्था में सिंहासन, छत्र, चमर आदि रूप विभूतियाँ प्राप्त होती हैं।
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