क्षयोपशम लब्धि
1. ज्ञान के एकदेश क्षय की क्षयोपशम संज्ञा मानी गई है ऐसा क्षयोपशम होने पर जो ज्ञान उत्पन्न होता है उसी को क्षयोपशम लब्धि कहते हैं । 2. क्षयोपशम से उत्पन्न जीव के परिणाम को क्षयोपशम लब्धि कहते हैं। पूर्वसंचित कर्मों के अनुभाग स्पर्धक जिस समय विशुद्धि के द्वारा प्रति समय अनन्तगुने हीन होते हुए उदीरणा को प्राप्त होते हैं उस समय क्षयोपशम लब्धि होती है। यह प्रथमोपशम सम्यग्दर्शन से पूर्व होने वाली पाँच लब्धियों में से तीसरी लब्धि है। यह भव्य और अभव्य दोनों को होती है ।