करुणा
दीनों पर दयाभाव अर्थात् अनुग्रह या उपकार का भाव रखना कारुण्य है अथवा सभी प्राणी कर्म के वश होकर दुःख भोग रहे हैं ऐसा विचार करके उनके दुख से दुखित होना करुणा है अथवा सर्व प्राणियों के ऊपर उनका दुख देखकर, द्रवीभूत होना दया या करुणा का लक्षण है करुणा जीव का स्वभाव है करुणा धर्म का मूल है दशलक्षण धर्म दया प्रधान है और दया सम्यक्त्व का चिन्ह है।