उपचार अतिचार
यहाँ ठण्डी हवा मेरे शरीर को पीड़ा देती है ऐसा विचार करके चटाई से उसको ढक देना, अग्नि का सेवन करना, ग्रीष्म ऋतु का ताप मिटाने के लिए वस्त्र ग्रहण करना, उवटन लगाना, साफ करना, तेलादि से कमण्डलु आदि साफ करना, धोना । उपकरण नष्ट होने के भय से उसको अपने उपयोग में न लेना, जैसे- पिच्छिका झड़ जायेगी इस भय से उससे जमीन, शरीर और पुस्तकादि साफ न करना ऐसे अतिचारों की उपचार अतिचार संज्ञा है।