आहारक काययोग
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स्वयं सूक्ष्म पदार्थ में जिज्ञासा उत्पन्न होने पर मुनि जिसके द्वारा केवली भगवान के पास जाकर अपनी जिज्ञासा का समाधान प्राप्त करता है उसे आहारक- काय कहते हैं। आहारक-काय द्वारा उत्पन्न होने वाले योग को आहारक-काययोग कहते हैं।
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