आर्जव धर्म
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1. कुटिल भाव व मायाचारी को छोड़कर सरल शुद्ध हृदय से चारित्र का पालन करना आर्जव-धर्म कहलाता है। 2. मन, वचन और काय की ऋजुता अर्थात् सरलता का नाम आर्जव है।
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