आनुपूर्वी संक्रमण
जो स्त्री नपुंसक भेद प्रकृति के द्रव्य को तो पुरुष भेद में ही संक्रमण करता है तथा पुरुष हास्यादि छः और अप्रत्याख्यान व प्रत्याख्यान क्रोध का संज्वलन क्रोध में, अप्रत्याख्यान व प्रत्याख्यान मान का संज्वलन मान में संक्रमण करता है। संज्वलन मान व अप्रत्यख्यान व प्रत्यख्यान माया का संज्वलन माया में ही संक्रमण करता है। संज्वलन माया अप्रत्यख्यान व प्रत्यख्यान लोभ का संज्वलन लोभ में नियम से संक्रमण होता है अन्यथा नहीं होता। यह आनुपूर्वी संक्रमण है।