आत्मरक्ष देव
चारो लोकपाल अंगपालों के सदृश और सब तनु रक्षक देव राजा के अंगरक्षक के समान होते हैं। वे अंगरक्षक के समान कवच पहने हुए सशस्त्र पीछे खड़े रहने वाले आत्मरक्ष देव हैं। सौधर्मेन्द्र के आत्मरक्षकों की चार हजार, ईशानेन्द्र की चार हजार, सानतकुमारेन्द्र की दो हजार, माहेन्द्र की एक हजार, ब्रह्मेन्द्र की पाँच सौ, लांतवेन्द्र की ढाई सौ, महाशुक्रेन्द्र की सवा सौ, सहस्स्रारेन्द्र की तिरेसठ, आनतादि चार इन्द्रों के आत्मरक्षकों की देवियों का प्रमाण कुल बत्तीस है।