अवाय
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विशेष निर्णय द्वारा वस्तु का जो यथार्थ ज्ञान होता है उसे अवाय कहते हैं। जैसे- पंखों के उठने गिरने को देखकर ‘यह बगुलों की पंक्ति है ध्वजा नहीं है- ऐसा निर्णय या निश्चय होना अवाय है।
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