अवधृत
एक दिन में दो भोजन बेला कही हैं। चार भोजन बेला का त्याग चतुर्थ उपवास कहते हैं। छः भोजन बेला का त्याग वह दो उपवास कहे जाते हैं। इसी को षष्टम तप कहते हैं । षष्टम, अष्टम, दशम, द्वादश, पन्द्रह दिन, एक मास त्याग कनकावली, एकावली, मुरज, मद्यविमानपंक्ति, सिंहनीक्रीडित इत्यादि जो भेद जहाँ है वह सब साकांक्ष अनशन तप है। इसी को अवधृत काल अनशन तप कहते हैं।