अवधिमरण
जो प्राणी जिस तरह का मरण वर्तमान काल में करता है, वैसा ही मरण यदि आगे भी उसको प्राप्त होगा तो ऐसे मरण को अवधिमरण कहते हैं ये दो प्रकार का है- सर्वावधि व देशावधि। प्रकृति स्थिति अनुभाग व प्रदेशों सहित जो आयु वर्तमान समय में जैसी उदय में आती है वैसी ही आयु फिर प्रकृत्यादि विशिष्ट बंधकर उदय आवेगी तो उसको सर्वा–वधिमरण कहते हैं। यदि वही आयु आशिंक रूप से सदृश्य होकर बंधे व उदय में आवेगी तो उसको देशावधिमरण कहते हैं ।