अर्थांतर
प्रकृत अर्थ से सम्बन्ध न रखने वाले अर्थ को अर्थांतर निग्रह स्थान कहते हैं। उदाहरण- जैसे कोई कहे कि शब्द नित्य है अस्पर्शत्व होने से | हेतु किसे कहते हैं- हि धातु से तुनि प्रत्यय करने से हेतु यह कृदन्त पद हुआ और नाम, आख्यात, उपसर्ग ओर निपान्त ये पद है। यह प्रकृत अर्थ से कुछ सम्बन्ध नहीं रखता।