अर्थ
1. जो जाना जाए या निश्चय किया जाए उसे अर्थ या पदार्थ कहते हैं। मोक्ष मार्ग में जानने योग्य जीव, अजीव, आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा, मोक्ष, पुण्य और पाप ये नौ पदार्थ हैं। 2. जो पर्याय को प्राप्त होता है या जो पर्यायों के द्वारा प्राप्त किया जाता है वह अर्थ है । यहाँ ‘अर्थ’ शब्द द्रव्य का वाचक है। 3. स्व-पर के विभागपूर्वक अवस्थित विश्व ही अर्थ है। 4. आप यहाँ किस अर्थ आये हैं यहाँ अर्थ शब्द का प्रयोजन है। ‘देवदत्त अर्थवान है यहाँ अर्थ शब्द धन के अर्थ में ग्रहण किया गया है।