अप्रित
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प्रत्येक वस्तु अनेक धर्मों से युक्त है प्रयोजन के अनुसार उसके किसी एक धर्म को विवक्षा से जब प्रधानता प्राप्त होती है तो वह अप्रित या उपनीत कहलाती है और प्रयोजन के अभाव में जिसकी प्रधानता नहीं रहती वह अनप्रित या गौण कहलाता है।
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