अपौरुषेय
आगम अतीत काल में था इसलिए उसकी भूत संज्ञा है । वर्तमान काल में है। इसलिए उसकी भव्य संज्ञा है। और भविष्य काल में रहेगा इसलिए उसकी भविष्य संज्ञा है। और आगम अतीत, अनागत और वर्तमान काल में है यह उक्त कथन का तात्पर्य है। इस प्रकार वह आगम नित्य है- प्रश्न ऐसा होने पर आगम को अपौरुषेयता का प्रसंग आता है। उत्तर नहीं, क्योंकि वाच्य वाचक भाव से तथा वर्ण, पद, पंक्तियों के द्वारा प्रवाह रूप से आने के कारण आगम को अपौरुषेय से स्वीकार किया गया है।