अपूर्वार्थ
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जो पदार्थ पूर्व में किसी भी प्रमाण द्वारा निश्चित न हुआ हो उसे अपूर्वार्थ कहते हैं तथा यदि किसी प्रमाण से निर्णीत होने के पश्चात् पुनः उसमें संशय, विपर्यय अथवा अनध्यवसाय हो जाये तो उसे भी अपूर्वार्थ समझना।
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