अपाय विचय
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‘संसारी जीव मिथ्यामार्ग से कैसे बचें इस प्रकार निरंतर चिंतन करना अथवा जिनेन्द्र भगवान के द्वारा बताए गए सन्मार्ग का निरंतर चिंतन करना अपाय- विचय या उपाय- विचय नामक धर्मध्यान है।
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