अनुयोग द्वार
कहे जाने वाले अर्थ के जानने के उपायभूत अधिकार को अनुयोगद्वार कहते हैं। अनुयोग, अधिकार, परिच्छेद या प्रकरण ये सब एकार्थवाची हैं। पदार्थ क्या है ? (निर्देश), किसका है ? (स्वामित्व), किसके द्वारा होता है ? (साधन), कहां पर होता है? (अधिकरण), कितने समय तक रहता है ? (स्थिति), कितने प्रकार का है ? (विधान ) इस प्रकार छह अनुयोगद्वारों से वस्तु का ज्ञान प्राप्त होता है। अथवा सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, अंतर, भाव और अल्पबहुत्व – ये आठ अनुयोगद्वार हैं। –