अनिष्टसंयोगज आर्तध्यान Posted by kundkund Date July 23, 2026 Comments 0 commentअप्रिय वस्तु या व्यक्ति के संयोग से निरंतर चिन्तित या दुखी रहना अनिष्टसंयोगज- आर्तध्यान है ।Share:ABOUT INSTRUCTOR kundkund Previous post ज्ञानावर्ण July 23, 2026You may also like ज़िनागम का सार भाग 1 30 November, 2024 antarang tap 19 April, 2024antarang tap अंतरंग तप 5 September, 2023