अनित्य निगोद
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जिन्होंने त्रस पर्याय पहले पायी थी अथवा पाएंगे वे अनित्य निगोद है। जो देव, नारकी, तिर्यंच और मनुष्यों में उत्पन्न होकर पुनः निगोदों में प्रवेश करते रहते हैं, वे चतुर्गति निगोद या इतर निगोद जीव कहे जाते हैं ।
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