अनादि
अतीतकाल अनादि है इसलिए उसका प्रमाण कैसे स्थापित किया जा सकता है, नहीं, क्योंकि यदि उसका प्रमाण नहीं माना जाये तो उसके अभाव का प्रसंग आ जायेगा परन्तु उसके अनादित्व का ज्ञान हो जाता है इसलिए उसे सादित्व की प्राप्ति हो जायेगी, सो भी बात नहीं है क्योंकि ऐसा मानने में विरोध आता है। काल अनादि और अपर्यवसित है अर्थात् काल का न आदि है न अन्त ।