अनध्यवसाय
“यह क्या है” इस प्रकार जो ज्ञान होता है उसको अनध्यवसाय कहते हैं। जैसे रास्ता चलने वाले को तृण या काँटे आदि के स्पर्श मात्र से यह कुछ पदार्थ है। अनध्यवसाय रूप प्रतिभास प्रमाण भी है और अप्रमाण भी क्योंकि उसमें विसंवाद अर्थात् “यह क्या है”, ऐसा अनिश्चय तथा अविसंवाद अर्थात “कुछ है अवश्य” ऐसा निश्चय दोनों पाये जाते हैं ।