अद्वैत नय
आत्म द्रव्य निश्चय नय से बंध और मोक्ष में अद्वैत का अनुसरण करने वाला है। अकेले बद्यमान और भुज्यमान ऐसे बंधमोक्षो चित स्निग्घत्व–रूक्षत्व गुणरूप परिणत परमाणु की भांति आत्म द्रव्य ज्ञान ज्ञेय अद्वैत नय से महान् ईंधनरूप अग्नि की भांति एक है। आत्म द्रव्य ज्ञान ज्ञेय द्वैतरूप नय से पर के प्रतिबिम्बों से असंप्रक्त दप्रण की भांति अनेक है।