अघातिया कर्म
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जो जीव के अनुजीवी गुणों का घात नहीं करते, पर बाह्य शरीरादि से संबंधित हैं वे अघातिया कर्म कहलाते हैं। आयु नाम, गोत्र और वेदनीय ये चार अघातिया-कर्म हैं।
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